केन्द्र सरकार के राजपत्रित अधिकारियों और 1000/- रुपए अथवा उससे अधिक मूल वेतन आहरित करने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के विभिन्न चरणों में तथा ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध शिकायतों पर अंतिम निर्णय लेने से पहले केन्द्रीय सतर्कता आयोग से परामर्श किया जाता है। जिन मामलों में अनुशासनिक प्राधिकारी सीवीसी के दिनांक 20 जुलाई, 1970 के पत्र सं 1/14/70-आर के तहत उसकी सलाह से असहमत होने का प्रस्ताव करता है, उन मामलों में अपनी सलाह पर पुनर्विचार करने के लिए केन्द्रीय सतर्कता आयोग को दूसरा संदर्भ भेजा जाना भी अपेक्षित है। तत्पश्चात् संबंधित अनुशासनिक प्राधिकारी द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाता है।
2. राष्ट्रपति की ओर से केन्द्रीय सतर्कता आयोग द्वारा दी गई सलाह की जांच करने और उस पर निर्णय लेने में अधिक एकरूपता लाने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि उन मामलों में केन्द्रीय सतर्कता आयोग की किसी भी सिफारिश, जो राजपत्रित अधिकारियों से संबंधित हैं और जिनके लिए नियुक्ति प्राधिकारी राष्ट्रपति हैं, को स्वीकार करने का अंतिम निर्णय लेने से पहले इस विभाग से परामर्श किया जाना चाहिए। उन मामलों में इस विभाग को ऐसा संदर्भ निम्नलिखित चरणों में भेजा जाना चाहिए:-
(i) जहां केन्द्रीय सतर्कता आयोग किसी अधिकारी के विरुद्ध शिकायत या जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई करने अथवा किसी आरोप की आगे जांच करने की सलाह देता है, लेकिन संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग शिकायत/जांच रिपोर्ट पर आगे कोई कार्रवाई न करने का प्रस्ताव करता है, और
(ii) संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग (क) जांच प्राधिकारी की रिपोर्ट अथवा (ख) लघु शास्ति की कार्यवाहियों में आरोप पत्र के उत्तर में किसी अधिकारी द्वारा प्रस्तुत स्पष्टीकरण पर सीवीसी की दूसरे चरण की सलाह को स्वीकार न करने का प्रस्ताव करता है।
3. ऐसे मामले जिनमें आयकर आयुक्त, केंद्रीय उत्पाद शुल्क कलेक्टर, मुख्य अभियंता आदि जैसे अन्य प्राधिकरणों के विभागाध्यक्ष अनुशासनात्मक प्राधिकारी हैं, उन्हें इस विभाग को संदर्भित करने की आवश्यकता नहीं है।
4. सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के अधिकारियों से संबंधित ऐसे मामले जिनमें निर्णय निदेशक मंडल द्वारा लिए जाने हैं, वे भी इस विभाग को नहीं भेजा जाएंगे। तथापि, ऐसे मामलों में, केन्द्रीय सतर्कता आयोग की किसी सिफारिश से असहमत होने अथवा उसे स्वीकार न करने के कारणों का उल्लेख करने वाले पृथक नोट के साथ संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा पारित अंतिम आदेशों की प्रतियां यथाशीघ्र इस विभाग को सूचनार्थ भेजी जानी चाहिए।