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OFFICE MEMORANDUM


Subject:- Handling of complaints in Ministries/Departments

D/o Personnel & Training (DoPT) has from time to time issued guidelines regarding handling of complaints in Ministries/Departments. An effort has been made to consolidate and update the said guidelines at one place for better understanding and guidance, which are as follows:

 

2.   (i)     No action is required to be taken on anonymous complaints, which do not carry both name and address of the complainant, irrespective of the nature of allegations and such complaints need to be simply filed.

(ii)              Complaints containing vague allegations could also be filed without verification of identity of the complainant.

 

(iii)            If a complaint contains verifiable allegations, the administrative Ministry/Department may take cognizance of such complaint with the approval of the competent authority to be designated by the Ministry/Department as per their distribution of work. In such cases, the complaint will be first sent to the complainant for owning/ disowning, as the case may be. If no response is received from the complainant within 15 days of sending the complaint, a reminder will be sent. After waiting for 15 days after sending the reminder, if still nothing is heard, the said complaint may be filed as pseudonymous by the Ministry/Department.

 

3.              Instructions contained in para 2 above would also be applicable (with appropriate competent authority to be designated under para 2(iii) above) for dealing with complaints against Secretaries to the Government of India or Chief Executives / CMDs / Functional Director of PSEs/PSBs/Fls, which will continue to be referred to the Cabinet Secretariat for placing before the Group of Secretaries headed by the Cabinet Secretary/Secretary (Coordination) in the Cabinet Secretariat, as the case may be, as per procedure given in this OM.

4.                             Complaints against Secretaries to the Government of India, whether pseudonymous or otherwise, received by the Cabinet Secretariat or the DoP&T or the Prime Minister's office, will be first scrutinized by the Group headed by the Cabinet Secretary. The composition of the group shall be as follows:-

(i)                    Cabinet Secretary

(ii)                  Principal Secretary to the Prime Minister.

(iii)               Secretary (Coordination) in the Cabinet Secretariat

(iv)                Secretary, DoP&T, and

(v)                  Secretary, CVC- Observer

 a)                     This Group, after reviewing the complaints, would proceed as follows:-

·         If there is no substance in the complaint or the complaint is frivolous in nature, the group would close the complaint and inform the relevant officer from where the complaint was received;

 

·         In case the preliminary scrutiny of the complaint indicates that there is some substance in it or there are verifiable allegations, the Group could do one or more of the following:-

 

(i)     Seek the comments of the Secretary concerned;

(ii)   Call for the concerned file(s);

(iii)   Call for the relevant records, including annual property returns, other reports etc.

b)                  Having received appropriate inputs on the complaints, the group will then proceed in the following manner:-

·           In case the records/comments indicate that there is no substance in the complaint, it will be closed.

·                If after scrutiny, it is felt that there is some substance in the complaint, a view would have to be taken by the group regarding the nature of the investigation called for and an appropriate recommendation made in this regard.

.       Thereafter, the recommendation would be submitted to the Disciplinary Authority, for action as          deemed fit.

c)                   The Group constituted will also be looking into the complaints received by the Cabinet Secretary from CVC under the CVC Act or the Public Interest Disclosure Resolution. The CVC shall be kept informed at regular intervals about the status of the scrutiny/review undertaken by the group into complaints forwarded by the CVC.

5.                    The complaints against officers who do not hold the post of the Secretary, but whose pay- scales are equivalent to that of Secretaries to the Government of India (Secretary Equivalent Position) and who are functioning under an administrative Ministry/ Department (i.e. where there is an administrative superior to such officers) shall be looked into by the concerned Ministry / Department and the matter may be referred to the Cabinet Secretariat (Group of Secretaries headed by Cabinet Secretary) only if it merits further action. This procedure can be adopted in the case of those officers who have retired from Secretary-equivalent posts too.

6.                The procedure to be followed for handling complaints against Secretaries to the Government of India as laid down in Para-4 above may also be followed in respect of complaints against retired secretaries.

 

 

 

 

 

 

कार्यालय ज्ञापन

विषयः- मंत्रालयों/विभागों में शिकायतों का निपटान

1.    कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने मंत्रालयों/विभागों में शिकायतों के निपटान के संबंध में समय-समय पर दिशानिर्देश जारी किए हैं। बेहतर समझ और मार्गदर्शन के लिए उक्त दिशानिर्देशों को एक स्थान पर समेकित और अद्यतन करने का प्रयास किया गया है, जो इस प्रकार हैः

 

2.    (i) बेनामी शिकायतों, जिनमें शिकायतकर्ता का नाम और पता दोनों नहीं होते हैं, में आरोपों की प्रकृति कुछ भी हो, कोई कार्रवाई अपेक्षित नहीं है और ऐसी शिकायतों को सरल रूप में फाइल किए जाने की आवश्यकता है।

 

(ii) अस्पष्ट आरोपों वाली शिकायतें भी शिकायतकर्ता की पहचान के सत्यापन के बिना फाइल की जा सकती हैं।

 

(iii) यदि किसी शिकायत में सत्यापन योग्य आरोप शामिल हैं, तो प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग अपने कार्य के वितरण के अनुसार मंत्रालय/विभाग द्वारा पदनामित सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से ऐसी शिकायत का संज्ञान ले सकता है। ऐसे मामलों में, शिकायत पहले शिकायतकर्ता को स्वीकृत/अस्वीकृत करने के लिए, जैसा भी मामला हो, भेजी जाएगी। यदि शिकायत भेजने के 15 दिनों के भीतर शिकायतकर्ता से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती है, तो एक अनुस्मारक भेजा जाएगा। अनुस्मारक भेजने के बाद 15 दिनों तक प्रतीक्षा करने के बाद, यदि फिर भी कुछ सुनवाई नहीं होती है, तो मंत्रालय/विभाग द्वारा उक्त शिकायत को छद्म नाम से शिकायत के रूप में दर्ज किया जा सकता है।

 

3.     उपर्युक्त पैरा 2 में निहित अनुदेश भारत सरकार के सचिवों अथवा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों/सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों/वित्तीय संस्थाओं के मुख्य कार्यपालकों/प्रबंध निदेशकों/कार्यात्‍मक निदेशक के विरुद्ध शिकायतों के निपटान के संबंध में भी लागू होंगे, जिन्हें इस कार्यालय ज्ञापन में दी गई प्रक्रिया के अनुसार मंत्रिमंडल सचिवालय में कैबिनेट सचिव/सचिव (समन्वय), (उपर्युक्त पैरा 2 (iii) के अंतर्गत नामोद्दिष्ट उपयुक्त सक्षम प्राधिकारी के साथ) जैसा भी मामला हो, की अध्यक्षता वाले सचिवों के समूह के समक्ष रखने के लिए भेजा जाता रहेगा।

 

4.       मंत्रिमंडल सचिवालय अथवा कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग अथवा प्रधानमंत्री कार्यालय को भारत सरकार के सचिवों के विरुद्ध छद्म नामों से अथवा अन्यथा प्राप्त शिकायतों की जांच पहले मंत्रिमंडल सचिव की अध्यक्षता वाले समूह द्वारा की जाएगी। समूह की संरचना निम्नानुसार होगीः –

     

               i.     कैबिनेट सचिव

              ii.     प्रधानमंत्री के निजी सचिव

             iii.     कैबिनेट सचिवालय में सचिव (समन्वय)

             iv.     सचिव, डीओपीटी, और

              v.     सचिव, सीवीसी- पर्यवेक्षक

 

क)                        यह समूह, शिकायतों की समीक्षा करने के बाद, निम्नानुसार आगे बढ़ेगाः-

·         यदि शिकायत में कोई तथ्य नहीं है या शिकायत अपनी प्रकृति में सारहीन है, तो समूह शिकायत को खारिज कर देगा और संबंधित अधिकारी, जहां से शिकायत प्राप्त हुई थी, को सूचित करेगा।

·         यदि शिकायत की प्रारंभिक संवीक्षा से यह इंगित होता है कि इसमें कुछ तथ्य है या आरोप सत्यापन योग्य हैं, तो समूह निम्नलिखित में से एक या अधिक कार्य कर सकता है-

        i.    संबंधित सचिव की टिप्पणियां प्राप्त करें;

      ii.       संबंधित फाइल(फाइलों) को मंगाना;

    iii.      वार्षिक संपत्ति रिटर्न, अन्य रिपोर्ट आदि सहित प्रासंगिक रिकॉर्ड मंगाना।

 

ख)                        शिकायतों पर उचित जानकारी प्राप्त करने के बाद, समूह निम्नलिखित तरीके से आगे बढ़ेगाः –

·      यदि रिकॉर्ड/टिप्पणियां यह दर्शाती हैं कि शिकायत में कोई सार नहीं है, तो इसे खारिज कर दिया जाएगा।

·      यदि संवीक्षा के पश्चात् यह महसूस किया जाता है कि शिकायत में कुछ तथ्‍य है, तो समूह द्वारा मांगी गई जांच के स्वरूप और इस संबंध में की गई उपयुक्त सिफारिश के संबंध में एक दृष्टिकोण अपनाना होगा।

·      तत्पश्चात् सिफारिश अनुशासनात्‍मक प्राधिकारी को उचित कार्रवाई के लिए प्रस्तुत की जाएगी।

 

ग)       गठित समूह मंत्रिमंडल सचिव को केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम अथवा जनहित

प्रकटन संकल्प के अंतर्गत केन्‍द्रीय सतर्कता आयोग द्वारा कैबिनेट सचिव को प्राप्त शिकायतों की भी जांच करेगा। सीवीसी को सीवीसी द्वारा अग्रेषित शिकायतों की समूह द्वारा की गई संवीक्षा/समीक्षा की स्थिति के बारे में नियमित अंतरालों पर सूचित किया जाएगा।

 

5.      जो अधिकारी सचिव के पद पर नहीं हैं, परंतु जिनका वेतनमान भारत सरकार के सचिवों के बराबर हैं (सचिव के समतुल्य पद) और किसी प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग (अर्थात् जहां ऐसे अधिकारियों से वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित हैं) के अधीन कार्य कर रहे हैं, के विरुद्ध शिकायतों की जांच संबंधित मंत्रालय/विभाग द्वारा की जाएगी और अगर यह आगे की कार्रवाई के योग्य है तो मामले को मंत्रिमंडल सचिवालय (मंत्रिमंडल की अध्यक्षता में सचिवों का समूह) को भेजा जा सकता है। यह प्रक्रिया उन अधिकारियों के मामले में भी अपनाई जा सकती है जो सचिव-समकक्ष पदों से सेवानिवृत्त हुए हैं।

 

6.      सेवानिवृत्त सचिवों के विरुद्ध शिकायतों के संबंध में भी  उपर्युक्त पैरा-4 में यथा निर्धारित भारत सरकार के सचिवों के विरुद्ध शिकायतों के निपटान के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का अनुसरण किया जाए।

 

(Sign of Authority)

Rupesh Kumar

Under Secretary

23094799



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